Rekha mishra

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लेखनी प्रतियोगिता -24-Mar-2022

                मकान
हर मकान कुछ कहता है,
के उसमे कौन कौन रहता है ।
बेशक दीवारें ईंट भाटे की हो
लेकिन वहां के लोगों से ही
मकान मकान होता है।
कई बरसों का सपना लिए
कई रातों की नींद गवा कर
एक परिवार का मकान
खड़ा होता है।
ये उनकी कई उम्मीदों से
जुड़ा होता है।
हर मकान बिना जुबान ही
काफी कुछ कहता है
कि कौन कौन इसमे
कैसे रहता है।
मकान में खिड़कियों के
अलग ढंग अलग रंग
बताते है कि कितनी हवा
का शौक उसका मालिक
रखता है,
मकान का बागीचा अपनी
अलग ही दास्तान कहता है
कि जरूर कोई खूबसूरत
दिल वाला खुशनुमा
इंसान इसमे रहता है।
हर मकान चुपके से कुछ कहता है
आखिर उसमे कैसा परिवार
रहता है।
मकान का रंग भी बहुत कुछ
बयान करता है के इसमे
कितना शालीन और सभ्य
इंसान रहता है,
हर मकान अपनी कहानी
खुद कहता है।
यकीन ना हो तो दादा के
दादा का मकान देख आओ
फिर समझ आएगा
ये कवि आखिर क्या क्या
कहता है
हर मकान चुपके से बहुत
कुछ कहता है। 

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10 Comments

Punam verma

25-Mar-2022 10:24 AM

Very nice

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Rekha mishra

25-Mar-2022 12:04 AM

😊Thanks a lot to all

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Niraj Pandey

24-Mar-2022 08:12 PM

जबरदस्त

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